बिहार राज्य सरकार के द्वारा राज्य में भूमि सर्वेक्षण का कार्य पिछले महीनो से चालू है जिसके अंतर्गत जमीनों के रिकॉर्ड को सुधारने हेतु तथा रजिस्ट्री संबंधी विषयों पर कार्य किया जा रहे हैं। इसी बीच यह स्थिति देखने को मिली है कि किसानों के लिए उनकी जमीनी रजिस्ट्री में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
किसानों की परेशानियों को देखते हुए तथा भूमि सर्वेक्षण के दौरान जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सुलभ बनाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा कई प्रकार के कार्य किया जा रहे हैं तथा निरंतर ही जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए प्रयास जारी है।
सरकार के द्वारा जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया में संशोधित किए गए नए नियम काफी आकर्षित है जिसके चलते लोगों के लिए अपनी पुरानी जमीन का प्रमाणीकरण तथा नई जमीन अपने नाम पर करवाना बहुत ही आसान हो चुका है।
Bihar Jamin New Registry
नई जमीनों की रजिस्ट्री करवाने के बाद प्रक्रिया पुष्टिकृत रूप से न होने पर अक्सर ऐसा देखा जाता है कि किसानों की जमीन या सरकारी रिकॉर्ड से गायब कर दी गई है या फिर इस जमीन का कोई पुख्ता बायोडाटा सुरक्षित नहीं रखा गया है।
परंतु अब बिहार राज्य के लोगों के लिए जमीन रजिस्ट्री के संबंध में नए नियम लागू हो जाने के बाद इन सभी परेशानियों का छुटकारा पर्याप्त रूप से मिलने वाला है। उनकी जमीनों का विवरण अब पूर्ण रूप से सुरक्षित तो मिलेगा ही साथ में सख्त नियमों के चलते किसी भी प्रकार की त्रुटि भी नहीं हो पाएगी।
अगर आप भी बिहार राज्य के निवासी हैं तथा इस समय या फिर आगामी कुछ दिनों में अपनी जमीन का प्रमाणीकरण करवाना चाहते हैं या फिर नई जमीन के रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं तो आपके लिए हमारे इस आर्टिकल के माध्यम से संशोधित किए गए नए नियमों को जान लेना चाहिए।
बिहार जमीन रजिस्ट्री के नए नियम
बिहार राज्य सरकार के द्वारा भू सर्वेक्षण के दौरान जमीन की रजिस्ट्री के लिए संबंधित नियम इस प्रकार से हैं :-
- व्यक्तिगत जमीनों का पूरा विवरण ऑनलाइन सबमिट किया जाएगा।
- जमीन के स्वामित्व का आधार कार्ड जमीन की रिकॉर्ड से लिंक होना अनिवार्य है।
- जमीन के रिकॉर्ड में बिना आधार कार्ड लिंक के किसी भी प्रकार की उसकी पूरी नहीं हो पाएगी।
- क्रेडिट संबंधी सिविल खराब होने या फिर जमीन पर कर्ज होने पर रजिस्ट्री नहीं हो पाएगी।
- आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर लिंक करवाना भी जरूरी होगा।
- खरीदार गवाह का सत्यापन भी नए नियमों के अंतर्गत लागू किया गया है।
यहां से होगा जमीन रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक
बिहार राज्य सरकार के द्वारा जमीन की रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक अनिवार्य कर दिया गया है जिसके चलते अब राज्य के सभी किसान लगभग यह कार्य पूरा करवा चुके हैं। ऐसे स्वामित्व जिन्होंने अभी तक अपने जमीन की रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक नहीं करवाया है उन सभी के लिए अपनी कृषि कार्यालय या पटवारी के पास जाकर आधार कार्ड अनिवार्य रूप से लिंक करवा लेना चाहिए।
रजिस्ट्री संबंधी नए नियमों के फायदे
बिहार राज्य सरकार के द्वारा जमीन रजिस्ट्री के संबंध में जो नए नियम लागू किए गए हैं उनसे निम्न फायदे हुए हैं :-
- अब किसानों का पूरा जमीन संबंधी विवरण ऑनलाइन सुरक्षित रह सकेगा।
- उनके जमीन संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की कोई संभावना नहीं होगी।
- नए नियमो के चलते बेनामी संपत्ति का पता लगाना भी आसान हो पाएगा।
- गवाह सत्यापन होने पर किसी समय अगर विवाद होता है तो आसानी हो पाएगी।
जमीन रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक करवाने पर खर्च
जैसा कि हमने बताया है की जमीन के स्वामित्व अपने पटवारी या फिर किस कार्यालय में जाकर जमीन की रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक करवा सकते हैं जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का विशेष शुल्क भुगतान करने की आवश्यकता भी नहीं होगी। हालांकि किन्हीं क्षेत्र में समानता पर ₹50 तक लिए जा सकते हैं।