नौकरी में गैप होने पर ऐसे होगी 10 साल की पेंशन कैलकुलेट

आप सभी व्यक्तियों को अपने रिटायरमेंट के बाद में आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले से योजना बनाना आवश्यक है और अगर आप भी नौकरी करते हैं और अपने रिटायरमेंट होने के बाद में आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं तो फिर इसके लिए आपको ईपीएफओ की पेंशन योजना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।

बताते चलें कि यह ईपीएफओ की पेंशन योजना नौकरीपेशा लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण स्तंभ होती है इसलिए यह योजना सामाजिक सुरक्षा योजना के नाम से भी जानी जाती है। इस योजना के अंतर्गत नौकरी में ब्रेक लेने पर या फिर नौकरी परिवर्तन करने से आपकी पेंशन में किसी प्रकार का कोई भी परिवर्तन नहीं आएगा यानी कि आपकी पेंशन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हालांकि आपको अपने यूएएन को एक्टिवेट रखना होगा एवं नई नौकरी के लिए भी उसी यूएएन का उपयोग करें। सभी नौकरियों की सेवा अवधि को एक साथ जोड़ा जा सकता है। इसलिए, अपने भविष्य की सुरक्षा के लिए अपने पीएफ और पेंशन खाते का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। 10 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने के बाद आपकी सभी नौकरियां की सेवा अवधि को एक साथ जोड़ा जा सकता है।

EPFO Pension

यह पेंशन योजना वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए उनकी सेवानिवृत्ति के बाद में एक आय का बेहतरीन एवं भरोसेमंद स्रोत है। इस योजना के माध्यम से कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों ही कर्मचारी के वेतन से एक निश्चित राशि पेंशन फंड में जमा करते हैं और फिर यह पेंशन रिटायरमेंट के बाद में जीवन भर मिलती रहती है और ऐसा करने से आपको बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्राप्त होती है।

ईपीएफओ यानी की कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की पेंशन योजना ऐसे व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ होती है जो रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा चाहते हैं। यदि आपके मन में सवाल है कि अगर आप नौकरी के बीच में कुछ समय के लिए ब्रेक ले लेते हैं तो क्या आपकी पेंशन पर ब्रेक से कोई प्रभाव पड़ेगा या नहीं तो आपके इस प्रश्न का जवाब आर्टिकल में आगे आपको प्राप्त हो जाएगा।

पेंशन के लिए 10 साल की सेवा अनिवार्य

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नियम के अनुसार आप सभी कर्मचारियों को पेंशन प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 वार्षिक की सेवा अवधि को पूरा करना आवश्यक होता है और यह सेवा अवधि लगातार या फिर जोड़कर भी पूरी की जा सकती है। यदि आप एक कंपनी में 5 वर्ष काम करते हैं और फिर दूसरी कंपनी में 5 वर्ष या फिर इससे अधिक समय तक काम करते हैं तो फिर आपकी कल समय अवधि 10 वर्ष या इससे अधिक हो जाएगी और फिर आप संबंधित पेंशन प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाएंगे परंतु इसके लिए एक महत्वपूर्ण शर्त होती है जिसके अंतर्गत आपका यूनिवर्सल अकाउंट नंबर एक्टिव होना जरूरी होगा।

यूएएन नंबर का महत्व

यूएएन यानी कि यूनिवर्सल अकाउंट नंबर जो ईपीएफओ के द्वारा कर्मचारियों को दिया जाने वाला एक विशिष्ट पहचान संख्या है और यह नंबर आप सभी कर्मचारियों की पीएफ खातों को एक साथ जोड़कर रखने का कार्य करता है। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से ईपीएफओ आपकी कल सेवा अवधि की गणना करता है।

नौकरी ब्रेक पर सेवा अवधि की गणना

नौकरी में ब्रेक होने पर सेवा अवधि की गणना के बारे में उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर माना की आप किसी भी कंपनी में पहली 5 साल काम करते हैं और यदि किसी कारण से आप 2 वर्ष का ब्रेक ले लेते हैं तो फिर इसके बाद आप किसी नई कंपनी में शामिल हुए और वहां पर आप 5 साल से अधिक समय तक काम कर चुके हैं।

अगर आपने नई कंपनी में आपने पुरानी कंपनी का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर उपयोग किया है तो फिर इस स्थिति में आपकी पहले नौकरी की 5 वर्ष की समय अवधि को भी आपकी कुल सेवा अवधि में जोड़ दिया जाएगा जिसके परिणाम स्वरुप आपकी कल सेवड़ी 10 वर्ष से अधिक हो जाएगी और फिर आप पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।

ईपीएफओ पेंशन की गणना

ईपीएफओ पेंशन योजना की गणना की बात करें तो यह आपके अंतिम वेतन एवं कुल सेवा अवधि के आधार पर निर्धारित की जाती है और यदि आपकी सेवा अवधि 10 वर्ष से अधिक है तो फिर आपको एक निश्चित फार्मूले के अनुसार पेंशन प्राप्त होगी और अगर आपकी सेवा अवधि 10 वर्ष से कम है तो आप पेंशन प्राप्ति हेतु पात्र नहीं होंगे।

हालांकि ऐसी स्थिति में आप पेंशन स्कीम के अंतर्गत जमा की जाने वाली राशि को निकाल सकते हैं लेकिन इस राशिफल आप सभी व्यक्तियों को किसी प्रकार का कोई भी ब्याज प्राप्त नहीं होगा इसलिए आप सभी लोगों को यह जरूर सुनिश्चित करना है कि आपकी कुल सेवा अवधि का समय कम से कम 10 वर्ष या फिर इससे अधिक हो।

पेंशन सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण बातें

पेंशन सुरक्षित रखने के लिए आप सभी नियोक्ता को नीचे दिए गए निम्न बातों पर ध्यान रखना होगा :-

  • नौकरी परिवर्तन करते समय या फिर इससे ब्रेक लेते समय आपको हमेशा ही अपने यूएएन को एक्टिव रखना होगा।
  • नई नौकरी को शुरू करने के साथ आप पुरानी यूएएन नंबर को नियोक्ता को अवगत कारण जिससे आपके पुराने खाते में ही योगदान जमा हो पाए।
  • इसके अलावा पीएफ एवं पेंशन अकाउंट की नियमित रूप से जांच करते रहें जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आपका योगदान सही तरीके से जमा हो रहा है या नहीं।

यूएएन एक्टिव रखने का तरीका

यदि हम यूएएन को एक्टिव रखने के तरीके के बारे में बात करें तो सबसे पहले आपको ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर अपनी बैंक अकाउंट को समय-समय पर चेक करना होगा। आप नौकरी छोड़ देते हैं या फिर नौकरी से ब्रेक लेते हैं तो भी आपका यूएएन एक्टीवेट रहता है हालांकि आपके द्वारा इसको रद्द नहीं किया जाना चाहिए।

किसी भी नई नौकरी को शुरू करते समय आप सभी नियोक्ता को अपना यूएएन नंबर प्रदान करना होगा ताकि आपके पुराने पीएफ खाते में ही योगदान जमा किया जा सके। पुराने खाते में पीएफ जमा होने से नौकरियों की सेवा अवधि एक साथ जुड़ सकेगी साथ ही 10 वर्ष की आवश्यक सेवा अवधि आसानी से पूर्ण हो पाएगी।

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